Thursday, November 24, 2016

पता नही

मेरे हर किस्से में तुम आते हो
पता नही मेरे हिस्से में कब आओगे !

वरील शेर वाचून सुचलेली कविता


मेरे हर ख्वाब में तुम आते हो
पता नही हकीकत में कब आओगे !

मेरी हर एहसास में तुम आते हो
पता नही साँस में कब बस जाओगे  !

मेरी हर दुवा में तुम आते हो
पता नही कुबूल कब हो जाओगे !

मेरे हर किस्से में तुम आते हो
पता नही मेरे हिस्से में कब आओगे !

मनिष मोहिले

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