Wednesday, July 11, 2018

सदीयाँ

तू वह लम्हा है मेरा, जिसमें सारी सदीयाँ कैद हैं मेरी

यावरून सुचलेल्या काही ओळी --

तू वह इबादत हैं मेरी, जिसमें सारी खुदाई समायी हैं मेरी

तू वह नाजूक सुंदरसी हैं कली, जिसमे सारी बहारे खिलती हैं मेरी

तू गझल सुरीली वह मेरी, जिसमे दास्ताँ ए जिंदगी हैं मेरी

तू पलकोंपर सम्हाला वह आँसू, जिसमें सारी खुशियाँ झूमती हैं मेरी

तू वह साँस हैं मेरी, जिसमे सारी जिंदगी पलती हैं मेरी

------ © मनिष मोहिले








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